Som Grhit Ghee ब्रह्मकमल सोम घृत

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Description

गर्भवती महिलाएं अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को स्वस्थ्य रखने के लिए आयुर्वेदिक दवा का नियमित सेवन करें तो उनके गर्भ में पल रहे शिशू का संपूर्ण विकास होगा. इसके लिए गर्भकाल के दो मास पूरे होते ही तीसरे मास से लेकर 8वां माह पूरा होने तक के 6 महीनों की अवधि में प्रतिदिन 'सोम घृत' का सेवन नियमित रूप से अवश्य करना चाहिए.
साथ ही उचित आहार-विहार करना चाहिए और अपना आचार-विचार अच्छा रखना चाहिए, ताकि संतान अच्छे गुण, कर्म स्वभाव लेकर पैदा हो. सोम घृत 'सोम कल्याण घृत' के नाम से बाजार में उपलब्ध हैं.
दूसरा महीना शुरू होने पर दूध में 10 ग्राम शतावर का महीन पिसा हुआ चूर्ण और पिसी हुई मिश्री डालकर दूध को आग पर उबालें. गुनगुना रहे तब एक चम्मच शतावर चूर्ण खाते हुए दूध पी लें. मंजन करके सोएं.
तीसरे मास में दूध को ठंडा कर एक चम्मच शुद्ध घी और तीन चम्मच शहद घोलकर सुबह-शाम पीना चाहिए. इसी मास से सोमघृत का सेवन शुरू कर आठवां मास पूरा होने तक सेवन किया जाना चाहिए. यह सोम कल्याण घृत के नाम से आयुर्वेदिक दवाओं की दुकान पर मिलता है. इसे दो बड़े चम्मच दूध या फलों के रस के साथ लें. सोम घृत का सेवन 8 महीने तक जारी रखें और बीच में बंद न करें.

Ingredients - Safed Sariva, Vasa Ke phool, Majith
Usage - Nutrition for pregnant women

Details

  • Type: product
  • SKU: 4105-93015

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