देशी गोमाता का शुद्ध घी

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Description

देशी गोमाता का शुद्ध घी - 500 gram 

 गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है। 

  • गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
  • गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
  • घी (20-25 ग्राम) व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है।
  • नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है।
  • गाय का घी नाक में डालने से बाल झड़ना दूर होकर नए बाल भी आने लगते है
  • गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है। अगर आप घर बैठे देसी गाय का घी खरीदना  हैं तो इसे यहां से खरीदें। 
    • हाथ और पैरों में जलन होने पर गाय के घी को तलवों में मालिश करने से जलन ठीक हो जाती है।
    • गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।
    • दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है।
    • अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
    • गाय के घी से शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है। 
    • गाय के घी से छाती पर मालिश करने से बच्चों के बलगम को बाहर निकालने में मदद मिलती है। जी हां जब भी बच्‍चों को बलगम की शिकायत हो तो गाय घी में नमक डालकर उसे थोड़ा सा गर्म कर लें और इससे उसके चेस्‍ट पर मालिश करें। 
    • सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करें, सिर दर्द ठीक हो जायेगा।
    • अगर आप गाय के घी की कुछ बूंदें दिन में 2 बार, नाक में डालेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को संतुलित करता है।
    • फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
    • हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।

Details

  • Type: product
  • SKU: E411-6799E

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