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Cow Ghee (गाय का घी) 500 G

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गायत्री धाम सेंधवा में निर्मित गाय का घी का महत्त्व

500 gram

१. यहाँ पूर्णतः देसी का गौ माता का पालन और सवर्द्धन किया है !
२. गौ माता को ऋतू अनुसार ओषधि का पान कराया जाता हे !
३. प्रतिदिन दूध से दही जमाना फिर प्रतिदिन ब्रह्ममूरत मक्ख़न के द्वारा प्रातः ४ से ५ बिच में घी बनाया जाता हे
४. गौ माता परिसर से बहार विचरण नहीं करती हे, यदि जाती हे तो आस पास स्वच्छ जगह पर जहा मात्र चारा हो
५. पूर्णत स्वस्थ गौ माता का दूध ही काम लिया जाता हे
६. यह एक दिव्य रसायन हे

देसी गाय के घी से होने वाले फायदे

  • गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है। 
  • गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
  • गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
  • घी (20-25 ग्राम) व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है।
  • नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है।
  • गाय का घी नाक में डालने से बाल झड़ना दूर होकर नए बाल भी आने लगते है
  • गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है। अगर आप घर बैठे देसी गाय का घी खरीदना चाहती हैं तो इसे यहां से खरीदें। 
  • हाथ और पैरों में जलन होने पर गाय के घी को तलवों में मालिश करने से जलन ठीक हो जाती है
  • गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।
  • दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है।
  • अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
  • गाय के घी से शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है। 
  • गाय के घी से छाती पर मालिश करने से बच्चों के बलगम को बाहर निकालने में मदद मिलती है। जी हां जब भी बच्‍चों को बलगम की शिकायत हो तो गाय घी में नमक डालकर उसे थोड़ा सा गर्म कर लें और इससे उसके चेस्‍ट पर मालिश करें। 
  • सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करें, सिर दर्द ठीक हो जायेगा।
  • अगर आप गाय के घी की कुछ बूंदें दिन में 2 बार, नाक में डालेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को संतुलित करता है।
  • फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
  • हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी। गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
  • गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है। जी हां देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से ब्रेस्‍ट और आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
  • जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है वह गाय का घी थोड़ी मात्रा में खाएं। इससे हार्ट मजबूत होता है।
  • घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बना लें। रोजाना सुबह खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूंट-घूंट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है। 
  • गाय का शुद्ध घी एक चम्मच लेकर उसमें एक चम्मच बूरा और 1/4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।

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